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संसद का अंतिम दिन आज, अंबेडकर मुद्दे पर सियासत गरमाई, हंगामा और प्रदर्शन

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Delhi : आज, 20 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र अपने अंतिम दिन की ओर बढ़ रहा है। इस सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर बहस, हंगामा और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की घटनाएं देखने को मिलीं। बुधवार को संसद परिसर में एक घटना घटी, जब भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के दो सांसद घायल हो गए। यह घटना संसद में धक्का-मुक्की के दौरान हुई, जिसके बाद पूरे संसद परिसर में तनाव और हंगामा फैल गया।

धक्का-मुक्की की घटना और सांसदों का घायल होना

संसद में हुई इस घटनाक्रम के दौरान, ओडिशा के सांसद प्रताप सारंगी और उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए। यह घटना गुरुवार को संसद परिसर में भाजपा द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ किए गए प्रदर्शन के दौरान हुई। प्रदर्शन के दौरान भाजपा के सांसदों और विपक्ष के नेताओं के बीच शब्दों की जंग हो रही थी, जो कुछ ही देर में हाथापाई में बदल गई।

घटना के बाद, भाजपा के नेता राहुल गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए उनके इस्तीफे की मांग करने लगे। यह मामला एक बार फिर राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया है, खासकर अंबेडकर और उनकी विचारधारा के मुद्दे को लेकर। भाजपा के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने हाल ही में अंबेडकर के विचारों को लेकर विवादित बयान दिया था, जिससे दलित समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची।

राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर और विपक्ष का विरोध

इस घटना के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। भाजपा ने राहुल गांधी पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बयान के जरिए अंबेडकर की छवि को नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही, भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के इस्तीफे की मांग की और कहा कि अगर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे संसद में विरोध जारी रखेंगे।

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में भाजपा पर आरोप लगाया कि वह विपक्षी नेताओं को डराने के लिए इस तरह के झूठे आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अंबेडकर जैसे महान नेता के नाम का इस्तेमाल कर सिर्फ सियासी फायदे की कोशिश कर रही है। इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस चल रही है, और संसद में दोनों पक्षों के बीच वार्ता का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

सियासी साजिश और अंबेडकर का नाम

अंबेडकर का नाम भारतीय राजनीति में हमेशा से एक संवेदनशील विषय रहा है। भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले अंबेडकर को लेकर अक्सर राजनीतिक दल अपने-अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। भाजपा ने अंबेडकर को हमेशा अपने पक्ष में रखा है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने अंबेडकर के विचारों का गलत तरीके से उपयोग किया है। राहुल गांधी ने अंबेडकर के विचारों को लेकर जो बयान दिए थे, वह भाजपा को चुभ गए थे, जिसके बाद यह मुद्दा और भी गरमाया।

भा.ज.पा. का आरोप है कि राहुल गांधी ने अंबेडकर के विचारों का अपमान किया है, जो दलितों और पिछड़ों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि राहुल गांधी का बयान पूरी तरह से संदर्भ से बाहर था और भाजपा द्वारा इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।

संसद में बढ़ता हंगामा और दोनों दलों का आमना-सामना

संसद के इस सत्र में अंबेडकर पर सियासी बहस ने एक नया मोड़ ले लिया है। विपक्ष के नेता और सांसद इस मामले में भाजपा के खिलाफ विरोध में लामबंद हो गए हैं, जबकि भाजपा सांसद राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा अंबेडकर के नाम पर राजनीति कर रही है और इस मुद्दे को उठाकर दलित समुदाय के वोटों को साधने की कोशिश कर रही है।

संसद में इस मुद्दे को लेकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन जारी है। विपक्ष का कहना है कि भाजपा ने संसद के अंदर इस तरह के मुद्दे को तूल देकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकी हैं, जबकि भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी का बयान दलित समाज के खिलाफ है, और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

 

संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने से पहले इस प्रकार के हंगामे ने भारतीय राजनीति के गरमागरम माहौल को और भी ज्यादा तूल दे दिया है। एक ओर जहां भाजपा राहुल गांधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सिर्फ और सिर्फ सियासी लाभ के लिए अंबेडकर के नाम का गलत इस्तेमाल कर रही है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में यह मुद्दा कैसे आकार लेता है और क्या राहुल गांधी पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं। एक बात तो स्पष्ट है कि यह राजनीतिक घमासान संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह गर्माता रहेगा, और आने वाले दिनों में इस पर और भी बहस होने की संभावना है।

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