लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। हालांकि सरकारी नौकरी और बेरोजगारों को रोजगार संबंधी आंकड़ों के उत्तर से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन किया।

विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य और मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय तथा अतुल प्रधान ने श्रम एवं सेवायोजन मंत्री से प्रश्न किया कि प्रदेश में विगत पांच वर्षों में कितने शिक्षित नौजवानों द्बारा रोजगार के लिये पंजीकरण कराया गया और उनमें कितनों को स्थाई (सरकारी नौकरी) रोजगार से जोड़ा गया और बेरोजगारों को नौकरी देने की क्या योजना है।

इसके उत्तर में मंत्री अनिल राजभर ने विगत पांच वर्षों में वर्षवार पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या गिनाई लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरी से हमारा विभाग ताल्लुक नहीं रखता है। इस पर मनोज कुमार पांडेय ने आपत्ति की और कहा कि आप मंत्री हैं और अगर इससे आपका मतलब नहीं तो आप प्रश्न वापस कर देते। इसी बीच सपा के सदस्यों ने यह भी सवाल उठाया कि आप सरकार के मंत्री हैं और जवाब देने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। सपा सदस्य इंद्रजीत सरोज ने कहा कि सामूहिक मंत्रिमंडल का दायित्व है जवाब देने का, आप इससे बच नहीं सकते हैं।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकार ने साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी और पांच वर्षों में 3742 रोजगार मेले के जरिये 5,74,587 युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया। हालांकि इसी बीच मनोज पांडेय और अतुल प्रधान ने कहा कि मंत्री यह बता नहीं पा रहे कि कितने को सरकारी नौकरी दी गई और कितने बेरोजगारों को नौकरी दी जाएगी। इस बात पर सपा सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन किया।

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