नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया है कि राज्यों द्बारा दी गयी सूचना के आधार पर नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) के परामर्श से विकसित पोर्टल पर करीब 27.45 करोड़ असंगठित मजदूरों या प्रवासी श्रमिकों को पंजीकृत किया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति बी. वी. नागर;ा की पीठ से कहा कि श्रमिकों के पंजीकरण के लिए एनआईसी के परामर्श से एक वेबसाइट विकसित की गयी है।
न्यायालय ने कहा, ”उन्होंने (भाटी ने) कहा है कि संबंधित राज्यों की ओर से उपलब्ध जानकारियों के आधार पर पोर्टल पर 27.45 करेाड़ मजदूरों का पंजीकरण हुआ है। केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारें असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों/प्रवासी मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए पंजीकरण का किस प्रकार फायदा उठाएंगी?
शीर्ष अदालत ने कहा, ”पंजीकरण का एक उद्देश्य यह है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों/प्रवासी श्रमिकों तक पहुंच सके।एएसजी ने अनुपालन रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए कुछ समय देने का आग्रह किया।
इस पर शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को सभी राज्यों से वांछित जानकारियां हासिल करने निर्देश दिया ताकि असंगठित मजदूरों और प्रवासी श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए आदेश जारी किया जा सके।पीठ ने कहा, ”सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशित किया जाता है कि वे केंद्र सरकार की आवश्यकता के अनुरूप सभी संबंधित जानकारियां उपलब्ध करायें, ताकि केंद्र सरकार सुनवाई की अगली तारीख को न्यायालय के समक्ष व्यापक रिपोर्ट पेश कर सके।
न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2० जुलाई की तारीख मुकर्रर की है।