पथरगामा। कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा के सभाप्रसार कार्यकतार्ओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रसार कार्यकतार्ओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का विषय जैविक खेती एवं खाद है। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ रितेश दुबे ने प्रसार कार्यकतार्ओं को जैविक खेती, जैविक खेती में जैव उर्वरकों की भूमिका, पोषण वाटिका में जैविक खाद तथा जैविक कीटनाशी का प्रयोग, केंचुआ खाद, ह्यूमिक एसिड खाद के प्रयोग विधि के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य का प्रयोग बीज उपचार, पौधों के जड़ों का उपचार तथा फसलों एवं सब्जियों में छिड़काव कर सकते हैं। जिससे कि बीजों के अंकुरण क्षमता में वृद्धि होती है। पौधों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

पशुपालन वैज्ञानिक डॉ सतीश कुमार ने ट्रे में गेंहूँ के बीज से तैयार हाइड्रोपोनिक्स को दिखाया तथा अंकुरित गेंहूँ को पशुओं के लिए पौष्टिक चारा बताया। सभी प्रसार कार्यकतार्ओं को कृषि विज्ञान केंद्र के फार्म के भ्रमण के दौरान केंचुआ खाद इकाई, सुबबूल, नेपियर घास, कसावा, रसभरी के विषय में भी बताया गया। वर्ल्ड विजन संस्था के सहयोग से उपेन्द्र कुशवाहा, जगत कुमार सोरेन, हरून मरांडी, जोहन सोरेन, दीपक मुर्मू, निर्मला सोरेन, पकलू हांसदा समेत 25 प्रसार कार्यकतार्ओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

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