देवघर /संतोष शर्मा : त्रिस्तरीय पंचायत (आम) 2022 निर्वाचन का बिगुल राज्य निर्वाचन आयोग, झारखंड द्वारा बज चुका है और कभी भी अचारसंहिता की घोषणा हो सकती है पर देवघर जिले में अलग ही कुछ कहानियां है। देवघर जिले में दस प्रखंड है। ऐसे अनेक पंचायत सचिव ,जनसेवक एवं लिपिक हैं। जो अपने गृह प्रखंड में पदस्थापित हैं। और वह कर्मी अच्छी पैक्ट बना चुका है और कमोबेश हर प्रखंड की यही स्थिति बनी हुई है ऐसे में पंचायत चुनाव निष्पक्ष कराने में चंद्रग्रहण लगा सकते हैं देवघर जिला की विडंबना है कि जिला स्तर पर बैठे पदाधिकारियों की नजर इस पर आज तक नहीं पड़ी है। अगर अचारसंहिता घोषणा के पहले जिला स्तरीय पदाधिकारी वैसे कर्मी को चिन्हित कर कर तबादला किसी अन्य प्रखंड में नहीं करते हैं तो वैसे पंचायत सचिव, जनसेवक एवं लिपिक पंचायत चुनाव में अपने चहेते जनप्रतिनिधियों के प्रति धमाल मचा सकते हैं।