देवघर। आधी आबादी यानी महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी हुनर के जरिये पहचानी जाती है। चारदीवारी के अंदर हो या बाहर हर काम मे निपुण होती है महिलाएं। बसंत पंचमी का अवसर है और हर तरफ मां सरस्वती की मूर्ति बनाई जा रही है। देवघर में कई जगहों पर देवी सरस्वती की प्रतिमा को देवी रूपी बड़ी संख्या में महिलाएं अंतिम रूप दे रही है। लड़की हो या महिलाएं अपने हाथों से मां की मूर्ति को बनाते नजर आ रही है। हालांकि इनका साथ पुरुष भी दे रहे है। मूर्ति बनाने वाली लड़कियां एक से बढ़कर एक माँ शारदे की प्रतिमा बना रही है। लड़कियों की माने तो वो पिछले कई वर्षों से प्रतिमा बना रही है। कई लड़कियां तो स्कूल में पढ़ती भी है। इन लड़कियों के अनुसार मां की प्रतिमा बनाने से विद्या की देवी प्रसन्न होती है। साथ ही मूर्ति बेच कर घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहयोग भी करती है। वही कोविड की वजह से पिछले साल कई पूजा समिति द्वारा पूजा का आयोजन नही किया गया था। जिससे इन मूर्तिकारों को काफी नुकसान लगा था। इस बार भी कोरोना के कारण खरीदारों की कमी से इनलोगों को फिलहाल मायूसी ही नजर आ रही है। अभी भी कई दिन है बसंत पंचमी में उम्मीद की जानी चाहिए कि इन मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई एक से बढ़कर एक सभी मूर्ति की बिक्री हो जाए।

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